त्योहार का बुखार
(लघुकथा)
त्योहार का बुखार
राखी से कई दिन पहले ही, राखी का बुखार रमेश के सिर चढ़कर बोल रहा था। वाट्सएप, फेसबुक, इंसटाग्राम व अन्य सोशल साइट्स पर राखी के संदर्भ में इमोजी, पम्फलेट, कविता, प्रेरक प्रसंग क्या कुछ पोस्ट नहीं किया। बहन के प्रति स्नेह ठाठे मार रहा था। जब से बहन ने पुश्तैनी संपत्ति से हिस्सा मांगा है। मुंह फुलाए फिरता है। त्योहार का बुखार पल भर में उतर गया।
-विनोद सिल्ला