Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#1 Trending Author
ओनिका सेतिया 'अनु '
212 Followers
Follow
Report this post
18 Aug 2021 · 1 min read
तौबा ये रूठना
बरखा रानी ऐसे रूठ कर चली गई ,
जिंदगी से जैसे रूठकर चला जाए महबूब कोई ।
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
1 Like
· 433 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
धरती की पुकार
Onika Setia "Anu"
You may also like these posts
आनंद नंद के घर छाये।
श्रीकृष्ण शुक्ल
It's just you
Chaahat
भूल जाना मुझे....
Jyoti Roshni
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
सुविचार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जागे हैं देर तक
Sampada
झरोखे की ओट से
अमित कुमार
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
तुमने तोड़ा मौन, बातचीत तुम ही करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरी आकांक्षा
उमा झा
ममता की छाँव
Kanchan Advaita
*जिस बर्तन में मांस पक गया, दूषित वह अब कहलाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
राज छोड़ बनवास में आया था मेरे साथ में
Baldev Chauhan
"कला"
Dr. Kishan tandon kranti
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
Dr Archana Gupta
3481🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
Saumyakashi
कसम, कसम, हाँ तेरी कसम
gurudeenverma198
प्रार्थना
Shally Vij
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
रंगों की होली
Karuna Bhalla
झरते फूल मोहब्ब्त के
Arvina
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
Rakshita Bora
Loading...