तो बुरा मैं भी नही
वो अच्छा शायर है तो बुरा मैं भी नही
बस गर्दिश को झेलने का सलीका अलग सा है
मुझे इल्जाम दे गया तो गलत कुछ भी नही
शायद तबज्जो देने का तरीका अलग सा है
गर्दिश: बुरा वक्त
सलीका: ढंग
तबज्जो : महत्व
वो अच्छा शायर है तो बुरा मैं भी नही
बस गर्दिश को झेलने का सलीका अलग सा है
मुझे इल्जाम दे गया तो गलत कुछ भी नही
शायद तबज्जो देने का तरीका अलग सा है
गर्दिश: बुरा वक्त
सलीका: ढंग
तबज्जो : महत्व