तो तुम चले जाना…
एक फरियाद ऐसी भी…!
***।..तुम चले जाना..।***
दिल की बात करने बाले तुमने तो अपनी बात कर ली.।
हम भी जरा इक बात बता लें तो तुम चले जाना.!!
लगा के आग इस दिल में जो तुम चले जाते हो..।
इस आग को जरा बुझा लें तो तुम चले जाना.।
मुद्दत से इस दिल ने चाहा है तुझको अपना बनाना.।
तुझको हम जरा अपना बना लें तो तुम चले जाना.।
बहुत तड़पे, बहुत तरसें है तुझको पाने के लिये,
तुझको अपने साँसो मे जरा समा लें तो तुम चले जाना.।
इक अरसे तलक तरसी हैं ये निगाहें तेरे दीदार को.।
तुझको जरा निगाहों मे बसा लें तो तुम चले जाना.।
बड़ा रोया है दिल मेरा अपनी तन्हाईयों के मंजर पे.।
ये दिल जरा मुस्कुरा ले तो तुम चले जाना.।
सँभाला तो ख़ुद को तुझ बिन हमने बहुत है मगर.।
इस दिल को जरा समझा लें तो तुम चले जाना.।।
देख न ले छुपकर जाते कहीं तुझको ये जमाना.।
शाम जरा और ढल जाये तो तुम चले जाना.।
*** विनोद सिन्हा-“सुदामा” ***