तोता
तोता
पर्यावरण प्रतीक तुम !
हो उड़ती फिरती हरियाली
लाल चोंच ,मरकत इव तन
खाते फल जिसमें हो ‘लाली’।
सिखकर ‘राम ‘नाम का करते
उच्चारण पिंजड़े में खाली।
बंदी जीवन तुमको देता
नर छुड़वा तुझसे तरु-डाली।
मृत्यु बाद मुक्ति चाहते हैं
जग के सब नर अरु नारी।
इसी हेतु सुनना चाहें वे
नाम ‘राम ‘ का गुणकारी ।
पर करते कैसी विडम्बना ?
संग तेरे ये भक्त पुजारी ।
तुमको देते बंधन
अपनी मुक्ति उन्हें बहु प्यारी ।।
मोती प्रसाद साहू