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27 Sep 2020 · 1 min read

तोटक छन्द

तोटक छन्द, द्वतीय प्रयास
112 112 112 112
सलगा सलगा सलगा सलगा

हरि नाम सभी जप लो मुख से।
सिय राम सदा कह लो सुख से।
जब राम जपा करते नर हैं।
तम दूर सभी करते प्रभु हैं।

सिय राम बसे जिनके मन में।
दुःख दूर हुए उनके तन से।
जप जो हरि नाम सदा करते।
भव-ताप दुखी उनके हरते।

जपलें सब वृद्ध जपें तनुजा।
जपलें सुत और जपें मनुजा।
मनवा जप ले जय राम हरे।
नर तू जप ले घनश्याम हरे।

जप माधव मोहन कृष्ण हरे।
मधुसूदन पालनहार हरे।
रघुनंदन कौसलनाथ हरे।
भज मारुत नंदन नंद हरे।

-अभिनव मिश्र✍️✍️
(शाहजहांपुर)

Language: Hindi
1 Like · 473 Views
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