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20 Sep 2023 · 1 min read

तेवरी

भूत-प्रेत जैसे इंसान
थर-थर कांपें सबके गात। काली रात।।

खुश हैं उल्लू और सियार
कहीं न दिखता सुखद प्रभात। काली रात।।

बढ़ने लगा सियासी ख़ौफ़
चीख़ों में सबके जज़्बात। काली रात।।

बढ़ती जाती चीख़-पुकार
नेता करें घात-पर-घात। काली रात।।

बहन-बेटियों के सँग रेप
विलख रही है नारी जात।काली रात।।
*रमेशराज

Language: Hindi
1 Like · 127 Views

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