#तेवरी (हिंदी ग़ज़ल)
#तेवरी (हिंदी ग़ज़ल)
■ काना-बाती कौन करेगा…?
【प्रणय प्रभात】
☺ पुराने रंगों से नई तस्वीर बनाने की एक कोशिश :–
“मन-मन भाती कौन करेगा?
ठकुर-सुहाती कौन करेगा??
अंधियारा घिरने को आया।
दीया-बाती कौन करेगा??
जो कहना है खुलकर बोलो।
काना-बाती कौन करेगा??
सुख के साथी दुःख बहुतेरे।
आंती-पांती कौन करेगा??
कितने काम पड़े करने को।
सभी बराती कौन करेगा??
रमलू बिटिया छोड़ गया है।
आती-जाती कौन करेगा??
चादर ओढ़ पड़े हैं सारे।
आज प्रभाती कौन करेगा??”
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
👌 #आत्मकथ्य-
बोली के प्रचलित शब्दों का प्रयोग पहली बार किया है।त्रुटि संभावित है। सुधिजन क्षमा करें।👌