“तेरे साथ”
हम भी सीना ठोक कर चला करते थे,
उन दिनों जब हाथों में हाथ हुआ करते थे।
अब तो नजरे भी जल्दी नहीं उठाते,
सारे शिकवे गिले तेरे साथ ही तो हुआ करते थे।
हम भी सीना ठोक कर चला करते थे,
उन दिनों जब हाथों में हाथ हुआ करते थे।
अब तो नजरे भी जल्दी नहीं उठाते,
सारे शिकवे गिले तेरे साथ ही तो हुआ करते थे।