तेरे सवालों का जबाब
तेरे सवालों का जवाव मुशिक्ल हुआ मुझे।
कोशिश ए लगा हूँ ,मत देना वरदुआ मुझे।।
दविश बोझों की साकिया,मुझपे वेशुमार है
होके टशन में उनकी,मत कर अनछुआ मुझे।।
कभी बुरे ख्यालात ना,दिलो दिमाग तेरे लिए
ये तड़पने दिल ए क्यों,आज हुआ क्या मुझे।।
हाज़िर खिदमते तेरी,रहा मुलाजिम की तरह
आज दुत्कार कर तूने,कहा क्यों है मुआं मुझे।।
बख्त ए मौत के में ,ख़ुदी चला जाऊंगा वहां
साहब तुमने दिखाया है अब,क्यों कुंआ मुझे।।