तेरे सब गम चुरा लेंगे…………….. भी बुला लेंगे |गीत| “मनोज कुमार”
तेरे सब गम चुरा लेंगे तेरे सब दर्द मिटा देंगे
छाया तेरा नशा दिल पे तेरे सब कर्ज मिटा देंगे
माना ये दौर है मुश्किल ख़ुशी फिर भी चुरा लेंगे
छोड़ हमको भले जाओ करीब फिर भी बुला लेंगे
तेरे सब गम चुरा लेंगे…………………………….. भी बुला लेंगे
काँटों का खौफ नही हमको हक़ फिर भी जता देंगे
तेरे तसव्वुर में जानूँ कई युग हम बिता देंगे
चला है सिलसिला फिर से तुम्हें हमसफ़र बना लेंगे
नजर कितनी चुरा लो तुम नजर फिर भी मिला लेंगे
तेरे सब गम चुरा लेंगे…………………………….. भी बुला लेंगे
तेरी नजर का नजराना ये पारस है जानूँ
तू है शमाँ दिल की तू ही अफसाना है जानूँ
दिल तेरा है दीवाना फिर महफ़िल सजा लेंगे
जमाना जान ले हम प्यार के किस्से बना देंगे
तेरे सब गम चुरा लेंगे…………………………….. भी बुला लेंगे
तेरी राहों में हम दिलबर ख़ुशी के गुल खिला देंगे
फलक के तोड़ कर सारे चाँद तारे बिछा देंगे
रहोगी कब तलक तुम चुप जुबाँ तस्वीर खोलेगी
लिया है कैद कर तुमने जिन्दगी तुम हो बोलेगी
तेरे सब गम चुरा लेंगे…………………………….. भी बुला लेंगे
“मनोज कुमार”