तेरे शहर में
***** तेरे शहर मे *****
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आज आये हैं तेरे शहर में,
तुम्हें ढ़ूंढ़तें हैं तेरे शहर में|
हर शख्य देखा है गौर से,
तुम नहीं हो तेरे शहर में|
जुगनु जैसे चमकते चेहरे,
रौनक बहुत तेरे शहर में|
भीड़ में खोई दुनिया सारी,
अकेले घूमते तेरे शहर में|
पता पूछता तेरा मनसीरत,
त्तुम्हीं लापता तेरे शहर में|
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)