Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2021 · 2 min read

तेरे राम और मेरे राम

तुम्हारा राम दसरथ का संस्कारी पुत्र नही ।
तुम्हारा राम गुरु का आज्ञाकारी शिष्य नही ।
तुम्हारा राम प्रजा का न्यायप्रिय राजा नही ।
तुम्हारा राम भात्र प्रेम से विभोर नही।
तुम्हारा राम विस्वास और प्रेम से आतुर पति नही ।
तुम्हारा राम दुर्बल और अछूतों का संवल नही ।
तुम्हारा राम प्रकृति से बात करने वाला नही ।
तुम्हारा राम अनपढ़ अनगढ़ जंगलियों का पथ प्रदर्शक नही ।
तुम्हारा राम गलती को क्षमा करने वाला पुत्र नही ।
तुम्हारा राम शत्रु की योग्यता पर सिर झुकाने वाला नही ।
तुम्हारा राम दलित सबरी के झूठे बेर खाने वाला नही ।

तुम्हारा राम धनुर्धर है,
जो एक बाण से मूक निरपराध सात ताड़ के वृक्षो को जमीनदोज कर देता है केवल शक्ति प्रदर्शन के लिए ।

तुम्हारा राम हठी पुत्र है,
जो हठ में प्रिय पिता को मरते हुए छोड़ देता है।

तुम्हारा राम छमा करने वाला भाई नही है,
जो अपने अभिमान को वचन कहता है ऐसा वचन जिसके लिए वचन देने वाली माँ ही शर्मिंदा थी और भाई भी ।

तुम्हारा राम कर्मकांडी राम है,
जो नल नील की योग्यता को सम्मान देने के स्थान पर शिव मंदिर की स्थापना करता है ।

तुम्हारा राम पुरुष प्रधान समाज का पति है,
जो हर बार त्यागशील सीता को स्त्रीतत्व की परीक्षा के लिए विवश करता है और स्वयं पुरुषोत्तम बन जाता है बिना किसी परीक्षा के ।

तुम्हारा राम कूटनीतिज्ञ है,
बाली के लिए, विभीषण के लिए, रावण एवं इंद्रजीत मेघनाद के लिए।

तुम्हारा राम दिल बिहीन दिमागी राम है,
जो लक्ष्मण की मुरक्षा पर सोचता है कि उसकी माँ को क्या जबाब दूंगा ना कि भाई होकर सोचता है ।

तुम्हारा राम केवल धनुष चलाना जानता है,
फिर चाहे बाली हो या रावण या पेड़ से लटकर ईश्वर ध्यान में मग्न अछूत या फिर मूक ताड़ के वृक्ष ।

मेरा राम,
सहृदय,क्षमाशील, दयावान,पथविहीनो का पथ प्रदर्शक, न्यायप्रिय, स्वंतंत्रता प्रिय,समानता का प्रेरक, कर्तव्यपरायण,इंसानियत को धर्म मानने वाला राम प्रभु राम है ,
जो दिल में बसता है दिमाग में नही
जो धनुष से नही प्रेम और सहजता से जीतता है ।

Language: Hindi
1 Like · 6 Comments · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
पहले आदमी 10 लाख में
पहले आदमी 10 लाख में
*Author प्रणय प्रभात*
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
-- दिखावटी लोग --
-- दिखावटी लोग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
Shweta Soni
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
Ram Krishan Rastogi
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
लेखक कौन ?
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
तभी तो असाधारण ये कहानी होगी...!!!!!
तभी तो असाधारण ये कहानी होगी...!!!!!
Jyoti Khari
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बहुत मशरूफ जमाना है
बहुत मशरूफ जमाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
दिमाग नहीं बस तकल्लुफ चाहिए
Pankaj Sen
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
shabina. Naaz
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
💐प्रेम कौतुक-391💐
💐प्रेम कौतुक-391💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम तो किरदार की
हम तो किरदार की
Dr fauzia Naseem shad
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2342.पूर्णिका
2342.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ऐसी विकट परिस्थिति,
ऐसी विकट परिस्थिति,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
बाबा फरीद ! तेरे शहर में हम जबसे आए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...