तेरे बिन
तेरे बिन
___________
मै यहाँ हूँ
दिल वहाँ है
बिखरा बिखरा सा अपना जहां है
सपनों की इस दौड़ में खोये
अपने गुम जाने कहाँ हैं
तेरी याद
____________
तेरी यादों के गुलदस्ते से
नन्ही कली जो
फूल बन मुस्काई
महका मेरा रोम रोम
हर अंग से
तेरी खुश्बू आई
लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल (म.प्र.)