“तेरे बिन एक और साल गुज़र गया”
2024 के जाने का दुख नहीं है, पर 2021 को कभी भूल नहीं सकता,
यूँ हर साल अपने साथ कुछ खट्टे-मीठे पल लेकर आता है, कुछ पल हमें सिखाते हैं,
कुछ हमें यादें दे जाते हैं, और कुछ पल हमारे दिलों में एक खालीपन छोड़ जाते हैं,
2024 के जाने पर ऐसा कोई गहरा दुख नहीं है,
क्योंकि यह साल अपनी कहानी खुद खत्म कर के गया है,
बिना कोई अनकहा सवाल छोड़ कर, हालांकि अगर मैं अपना दिल खोलकर बोलूं तो मुझे आज भी 2021 के जाने का गहरा दुख है, 2021, एक ऐसा साल था जब मैंने अपने पसंदीदा शख्स को खो दिया था, वो शख्स मेरे लिए सिर्फ मेरी मोहब्बत ही नहीं, बल्कि मेरी हिम्मत थी मेरी ताकत थी , उसके साथ बिताए गए हर पल, उसकी बातें, उसकी हंसी, सब कुछ मेरी यादों में गहरे तक बैठ चुका है, लेकिन जब वह अचानक मेरी जिंदगी से चली गई , तो जैसे वक़्त ने अपनी गति थाम ली हो, उसे खोने का दर्द मेरे दिल में आज भी वैसा ही गहरा है, जैसे वह लम्हा मेरे सामने फिर से हो, वो मेरे लिए एक ऐसी शख्सियत थी , जो न केवल मेरे दुखों को समझता थी , बल्कि मेरे जीवन के हर एक मोड़ पर मुझे सही दिशा दिखाता था, हम दोनों का रिश्ता बहुत खास था, ऐसा लगता था कि हम एक दूसरे को बिना लफ़्ज़ों के समझते हैं, जब उसने मुझे छोड़ा, तो जैसे दुनिया ठहर सी गई थी, हर एक कदम, हर एक दिन उसके बिना अधूरा सा लगता था, लेकिन 2024 की तरह, 2021 भी एक और साल था, जो चलकर खत्म हो गया, वक़्त के साथ मैं समझता हूँ की जीवन में अपनों के जाने का दर्द हमेशा रहेगा, लेकिन हमें आगे बढ़ने की ताकत भी उसी दर्द से मिलती है, हम जितने गहरे दुख में डूबते हैं, उतना ही हमें खुद को ढूंढने और जीवन को एक नए नजरिए से देखने का मौका मिलता है, 2024 के जाने का दुख नहीं है, क्योंकि ये मेरे साथ कुछ नहीं ले गया, लेकिन 2021 का दुख हमेशा मेरे साथ रहेगा, क्योंकि वो मेरे पसंदीदा शख्स को लेकर चला गया, हर साल का अपना महत्व होता है, और हमें उसी के साथ जीने की कला सीखनी होती है, चाहे वह साल कुछ भी लेकर आए या कुछ भी छोड़ जाए।
“लोहित”