तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरा गम है मेरे दिल का एक बड़ा सवाल।
तू मुझे मशहूर कर रहा है, ये सच है, मेरा दोस्त,
पर दर्द छुपा है इस शब्दों के पीछे की बात।
दिल के दरिया में बह रहा है तेरे जाने का ग़म,
खो जाने के बाद, बचा है ये एक खास आलम।
साहिल अहमद