तेरे प्यार ने बना दिया कवि…
कुछ खत हमने भी लिखें , मोहब्बत के नाम।
ऐसा स्नेह था दिल में, प्रेम लिया था थाम ।।
यादों में आती एक सुंदर बाला,
जिसके था चेहरे पर तिल काला,
मेरी सहपाठी थी मेरी थी वो मित्र,
दिल में था जिसका अमिट चित्र,
प्यारी – प्यारी थी उसकी मुस्कान,
आहट से ही जाता था पहचान,
एक दिन मिलने का हुआ था वादा,
बंधने का था सात फेरों में इरादा,
किन्तु…..
उस दिन न आई माला,पहन के माला,
करता रहा इंतजार होने तक उजाला,
समय बढ़ता चला छूट गई शाला,
जिंदगी बन गई रिश्तों का झमेला,
सुबह जाता देखने गेहूँ की बाला,
रात को नित घूमा करता मधुशाला,
फिर…
सफर में मिल गई एक दिन माला,
नन्हे मुन्नों के संग पहने सूट काला,
मैंने पूछा पास आकर कैसी हो माला,
कहने लगी कुम्हला गई तुम्हारी माला,
पढ़ रही हूँ जिंदगी की पाठशाला,
याद आती वो पढ़ने वाली शाला,
उसने पूछा तुम्हारे क्या हाल,
मस्त है, खुश है, नहीं अब बेहाल,
दिल में रखकर तुम्हारी छवि,
तेरे प्यार ने बना दिया है कवि,