**तेरे पैरों के निशान बाकी हैं**
**तेरे पैरों के निशान बाकी हैं**
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तेरे पैरों के निशान बाकी है।
बिन तेरे खाली मकान बाकी है।
बिकता रहता प्रेम आम सरेआम,
बाजारों मे सजी दुकान बाकी है।
दिल तो यूँ टूट गया है इस कदर,
कोरी काया में जुबान बाकी है।
हर कोई छोड़ गया रहगुजर में,
तेरी यादों का मचान बाकी है।
ढांचा हड्डियों का बना मनसीरत,
गीता बाइबल व कुरान बाकी है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)