– तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ –
– तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ –
तुझे ही चाहु बेइंतहा,
तुझमे ही खो जाऊ,
तेरा था तेरा हु और तेरा ही होकर रह जाऊं,
तुझे देखकर प्रभात मे जागु,
तुझे देखकर ही सो जाऊं,
तुझे देखा बिना न ही मेरी सुबह न ही मेरी शाम न शब हो,
ऐसी आदत में अपने अंदर लाऊ,
जब में निराश हताश परेशान हो जाऊ,
तुझे देखकर ही अपने अंदर नव चेतना नव उत्साह जगाऊ,
तुझे अपना बना लू मेरी जान,
और में तेरा सदा के लिए हो जाऊ,
इसलिए कहता है भरत तेरे नाम यह जिंदगानी कर जाऊ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184