तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
बांटना सुख था, जो कहर बांट रहा है।।
सच्चाई दफन करने में, लगा है पूरा गांव।
सब मिलके कहरहे हैं, शहर बांट रहा है।।
तेरे झूठ का जहर, तो जहर बांट रहा है।
बांटना सुख था, जो कहर बांट रहा है।।
सच्चाई दफन करने में, लगा है पूरा गांव।
सब मिलके कहरहे हैं, शहर बांट रहा है।।