तेरे जाने के बाद ….
ऐसे उजड़े तुम्हारे जाने के बाद ,
के फिर कभी जिंदगी में बस ना पाए ।
हे पिता ! माफ करना,हम तुम्हारे अधूरे ,
ख्वाबों की ताबीर न बन पाए ।
संघर्ष बहुत झेले मगर कोशिशें भी की ,
मगर हाय अफसोस ! हम जिंदगी में ,
कामयाब नहीं हो पाए।
कुछ तकदीर का था कसूर और कुछ बेरहम जमाना .
हम अपने बदलते हालातो से तालमेल ,
न बिठा पाए ।
तुम तो चले गए हमसे बेरहमी से दामन छुड़ाकर ।
और हम तेरे जाने के बाद रंजो गम से नाता जोड़ आए।