आजकल इश्क नही 21को शादी है
आजकल इश्क नहीं केवल बेवफाई है
हमने भी मोहब्बत में मार खाई है
आज जो मैं यहा हु
इसी मोहब्बत ने मुझे घर से भगाई है
और आज बहुत खुश हु घर जाने को है
21 को मेरी मां ने मुझे बुलाई है
समझ नही आता क्या करू
22 को उसकी सगाई है
मां की खुशी प्यार का गम
लगता है अब निकल जायेगा मेरा दम
मैं समझ नही पा रहा हु
भगवान आपने लड़किया दिल दुखाने को बनाई है
और ए दो चार पैक लगा लेता हु
यार ए शराब नही गम भुलाने की दवाई है