तेरे खत
क्यूं नहीं पहुँचें मेरे घर, तेरे लिखे खत कभी।
ये जानने के लिए आज भी इंतजार में हूं कि मुलाकात हो जाए कभी।।
शिव प्रताप लोधी
क्यूं नहीं पहुँचें मेरे घर, तेरे लिखे खत कभी।
ये जानने के लिए आज भी इंतजार में हूं कि मुलाकात हो जाए कभी।।
शिव प्रताप लोधी