तेरे इश्क में, पल पल निराले निराले l
तेरे इश्क में, पल पल निराले निराले l
मस्त सुख ओ गम से मिश्रित, प्याले प्याले ll
जब तू हो सामने, सब है रंग बिरंगी l
जीवन में गायब, सब रंग काले काले ll
तेरे हिज्र का तन मन में जिक्र ही जिक्र l
गम ये कहे है, छिछोरे छाले बिछाले ll
बेवफ़ाई पर बहते, नालें पर नाले l
सहज बह गए, बेरुखी नालों में नाले ll
अभी तक सहज, प्रीत जगत बस चुका होता l
उसने बे हिसाब, प्रीत पल टाले टाले ll
दृश्य देख देख, हताश होता रहता हूँ l
हर तरफ, मिले रकीबों के जाले जाले ll
अब तो आजा, प्रीत ताकत देने वाले l
परास्त हो चुका, प्रीत प्यास पाले पाले ll
अरविन्द व्यास “प्यास”