*तेरे इंतज़ार में*
तुम तो कहते थे मुझे भूल जाओगे
बिताए हैं संग जो पल, याद नहीं आएंगे
हो गए हैं बरसों अब तुम्हारे बिना
नहीं भूल पाए तुम्हें, अब कैसे जी पाएंगे
है नहीं, ये भूलने का सबब कोई
यादें भूलने नहीं देगी तुझे मेरे सनम
नहीं था स्वार्थ कोई तनिक भी इसमें
तुम समझे नहीं ये प्यार, मेरे सनम
तुम्हारी मजबूरी को मान लिया हमने
तभी कोशिश नहीं की कभी मिलने की तुमसे
लेकिन दिल के आगे हम भी मजबूर है
रहेगी हमेशा इसमें आरज़ू मिलने की तुमसे
हर आरज़ू कहां पूरी हो पाती है किसी की
जानते हैं हम, फिर भी एक आस है दिल में
झांकोगे दिल में मेरे कभी, ख़ुद को ही पाओगे वहां
तब जानोगे तुम, रहता कोई ख़ास है दिल में
है सुकून इस बात का हमको
खुशी नहीं दे पाया तो दुख भी नहीं दिया तुमको
जीया हूं मैं जीतने भी पल बिछड़कर तुमसे
हर पल सिर्फ़ याद किया है तुमको
गुज़र जाएगी ये ज़िंदगी तेरी याद में
हो गई है ज़िंदगी मेरी वीरान तेरे इंतज़ार में
इस जन्म में तो मुमकिन नहीं लगता
रहेंगे अगले जन्म में भी तुझसे मिलने के इंतज़ार में।