तेरे इंतज़ार में
धड़कना भूला है दिल, तेरे इंतज़ार में।
क्या हमें बना दिया,देख तेरे प्यार ने।
बार बार क्यों दिल तरसे तेरे दीदार को
समझ न पाए तुम,मेरे इकतरफा प्यार को।
तेरे नैनों के सागर में हमने जिंदगी गंवा दी।
वादा करके मुकरे,अच्छी तूने वफ़ा की।
दीवानों की तरह मैंने ,तुझे दीवानावार चाहा
और कुछ नहीं तुमसे,बस तेरा प्यार चाहा।
मिल जाये ग़र तू ,तो हो जिंदगी बहार सी।
थोड़ी नोंक-झोंक,और मीठी तकरार सी।
सुरिंदर कौर