तेरे आने की खबर
यूँ लगा
दी दस्तक
किसी ने दरवाजे पर
खोला दर
तो दिखा आसमां पे
बरसों बाद
मुस्कुराता हुआ चाँद
रातरानी की खुश्बू
भरी हवा
सहला गई
दिल को अंदर तक
कोने पर पड़ा
गुलाबी लिफाफा
फड़फड़ाकर
मुस्कुरा उठा
सतरंगी कागज़ में
लिपटी वो खबर
मन में मेरे
जगा गई
मीठी आस
ये किसका है असर
या है
तेरे आने की खबर
लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल