Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

तेरे अहसास

ऐसी भी क्या बेरूखी यारा
राह में तेरे दिल को बिछाए बैठे है।

तन्हा हूँ मगर आँखों में यारा
महफिल तेरी ही सजाऐ बैठे है।

मद्दतो बाद मिले हो साथी
इन्तजार में तेरे बाँहे फैलाये बैठे हैं।

खुद से दूर जाने न देगे अब
पलकों में तुझे इस कदर छुपाये बैठे हैं।

तन्हाइयों में तेरे अहसास ओढ़ लेती हूँ
जज्बात भरे तूफान कुछ यूँ दबाये बैठे हैं।
………………………पूनम कुमारी

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
सम्राट कृष्णदेव राय
सम्राट कृष्णदेव राय
Ajay Shekhavat
*मैं पक्षी होती
*मैं पक्षी होती
Madhu Shah
मन को भिगो दे
मन को भिगो दे
हिमांशु Kulshrestha
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
Manishi Sinha
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
आजकल सबसे जल्दी कोई चीज टूटती है!
उमेश बैरवा
3180.*पूर्णिका*
3180.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"अंधविश्वास में डूबा हुआ व्यक्ति आंखों से ही अंधा नहीं होता
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
*यात्रा पर लंबी चले, थे सब काले बाल (कुंडलिया)*
*यात्रा पर लंबी चले, थे सब काले बाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
हर जगह मुहब्बत
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कहानी -
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
विकटता और मित्रता
विकटता और मित्रता
Astuti Kumari
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
पूर्वार्थ
दुनिया से सीखा
दुनिया से सीखा
Surinder blackpen
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"कैसा जमाना आया?"
Dr. Kishan tandon kranti
हमको तेरा ख़्याल
हमको तेरा ख़्याल
Dr fauzia Naseem shad
~~तीन~~
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
■मंज़रकशी :--
■मंज़रकशी :--
*प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
Srishty Bansal
सदा के लिए
सदा के लिए
Saraswati Bajpai
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
Satyaveer vaishnav
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...