तेरी हर अदा पर,
तेरी हर अदा पर, सौ बार जिया, मरा हूँ मैं,
तुझे क्या कहूँ कैसे, अब तक जिंदा खड़ा हूँ मैं,
कहता है दिल मेरा, धड़कने कब कि थम चुकी,
जो चला हूँ अब तलक, उसकी धड़कनो से चला हूँ मैं,
जिस्म से रूह तो, तुम से मुलाकात पर निकल गई थी,
जिस्म खाली है मेरा, बस तेरे प्यार से भरा हूँ मैं,
जनाज़ा भी उठ ही जाता, तुम हाथ गर ना रखते,
सुना है फिजाओ से मैंने, रकीबो ने कबका दफ़ना दिया हूँ मैं,
कुछ और देर हिज़ाब ना हटाते, कयामत टल ही जाती,
“साहिब” बड़ी मुश्किल से, जिंदा बचा हूँ मैं,