तेरी रहमत
तेरे दीदार को ही मेरी ये आंखें तरसती हैं,
जब भी आए कोई मुश्किल, तेरी रहमत बरसती है,
तेरी रहमत बा-अदब बरसी है खुदाया,
तेरे दीदार को ही आंखे तरसी हैं खुदाया.
1) तेरी रहमत ही साथ मेरे, मैं कभी डरा नहीं,
कभी मायूस जिंदगी में, मैं कभी रहा नहीं,
बिन मांगे दिया तूने सब, कुछ मांगा मैंने नहीं,
मेरे मांगने से पहले वो तूने मुझे दिलाया,
तेरी रहमत बा-अदब……….
2) जो मांगा तूने दिया है, न दी है कोई कमी,
दिल तेरा भी तो रोया थी मेरी आँखों में जब नमी,
तेरे मेरे जैसा नाता, दुनिया में कहीं नहीं,
तू आत्मा है मेरी, और मैं हूँ तेरा साया,
तेरी रहमत बा-अदब……….
3) ना देखा तुझे कभी भी पर है यकीन तेरा,
परवाह नहीं जहान की, मैं हूँ मुरीद तेरा,
तेरी ही रहमतों ने मेरी जिंदगी को घेरा,
तेरी ही दुआओं ने जन्नत घर को मेरे बनाया,
तेरी रहमत बा-अदब……….
4) था जब कभी रुका मैं, चलना तूने सिखाया,
जब आयी आफ़तें तो, था सर पे तेरा साया,
रहमत का रास्ता ही बस तूने मुझे दिखाया,
दुनिया ने रोका मुझको पर कोई बदल न पाया,
तेरी रहमत बा-अदब……….