तेरी याद सताती है
**तेरी याद सताती है **
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तेरी याद सताती है,
जो दिन-रात रुलाती है।
तेरे यार गिले – शिकवे,
मेरा मूल मिटाती है।
कैसे बीत गया जीवन,
पग-पग हाल सुनाती है।
है अनमोल बहुत यादें,
प्यारी सीख सिखाती है।
भूलूँ हीर सलेटी को,
मुझको राह दिखाती है।
उर में आग रहे जलती,
सीना ठोक जलाती है।
है ईनाम मिली पीड़ा,
आये सांस सुखाती है।
सब हालात छुपाये थे,
सारे राज बताती है।
मनसीरत न रहा काबिल,
कह कर बात बनाती है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)