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11 Jun 2023 · 1 min read

तेरी याद की इक गली

फूलों की वादियों में
तेरी याद की इक गली
तू मुझे कभी आसमान की
खिड़की से झांकती तो
कभी फूलों की खुशबुओं में
मिली
बादल का एक टुकड़ा था मैं
तू आसमान में घुला कोई
मोहब्बत का रंग
शबनम का एक कतरा था मैं
तू इश्क के इत्र से निकली
कोई सुगंध
करीब है तू दिल के कितनी
मगर यह दिल है कि तुझे
हरदम ढूंढता है
तू फूल है
मेरे ही पेड़ की डाल का
पर तेरे हुस्न का दीदार
पाने को
मेरी रूह का गुलिस्तान
तेरे जमीन पर
पड़ते पांव के
लब चूमता है
तू जन्नत है
बहारों की मल्लिका
हुस्न का समुंदर
दिल की प्रेम भरी रागिनी का तरन्नुम
मैं हवाओं का इक गुबार
जो इधर उधर
भटकता घूमे
तेरे ही मकान का दरवाजा खटखटाता
तेरा ही सबसे पता पूछे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
158 Views
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