तेरी यादो के चिराग,शाम से ही जला लेते है –रस्तोगी
तेरी यादो के चिराग,शाम से ही जला लेते है
कभी तो आओगी,इस उम्मीद में सारी रात गवां देते है
जलते जलते चिराग भी ,जब थक जाते है
अपनी जवानी के चिराग,तेरे इश्क में जला देते है
तेल खत्म होते ही,चिराग अपने आप को बुझा देते है
अपने इश्क का तेल डाल कर,फिर से चिराग जला देते है
रात गयी बात गयी,फिर भी तेरा इन्तजार करते है
वो कौन सी चीज है,तुझमे जिसको हम सदाबहार करते है
चलती है जब सुबह ठंडी हवा,परिंदे भी उठ जाया करते है
“रस्तोगी “अलसायी आँखों में तेरा ही दीदार किया करता है
आर के रस्तोगी
मो 9971006425