तुम्हारी यादों के किस्से
तुम्हारी यादों के किस्से,
हमारे जख्मों में मले गए
बिना दिए आवाज हमको,
तुम कहां चले गए
पुकार रहा जन्म दिवस,
तुम्हे रो रोकर हर बार
छोड़कर हमको,
तुम किस दुनिया में चले गए
विशाल शुक्ल
तुम्हारी यादों के किस्से,
हमारे जख्मों में मले गए
बिना दिए आवाज हमको,
तुम कहां चले गए
पुकार रहा जन्म दिवस,
तुम्हे रो रोकर हर बार
छोड़कर हमको,
तुम किस दुनिया में चले गए
विशाल शुक्ल