तेरी यादें
वो चाँद जो कभी पूरा न हुआ,
वो सपने जो कभी अपने न हुए,
मिलने का वो सिलसिला जो अधूरा रह गया,
मेरी होने का दायित्व जो तूने पूरा न किया,
तुझे खोने का जबाबदेही जो तुने मुझे दे दिया,
वो संघर्ष वाला इंतेज़ार जो तूने करने न दिया,
सच मानो बहुत तकलीफ देती हैं,
तेरी यादें हमें पीड़ा हर रोज़ देती हैं।
अभिनव