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4 Jun 2022 · 1 min read

*तेरी मेहरबानी 【मुक्तक】*

तेरी मेहरबानी 【मुक्तक】
—————————————————
जाने यह कोई है रोग , या तेरी मेहरबानी
पुरानी बात चाहे जो हो वह अब भूल ही जानी
नए अब लोग मिलते हैं, नई सारी मुलाकातें
नहीं अब राह जीवन की ,रही कुछ जानी-पहचानी
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451

Language: Hindi
231 Views
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