तेरी मेरी कहानी
तेरी मेरी जो ये कहानी है
जन्म जन्मों से भी पुरानी है
दूर बैठे हो अजनबी से तुम
पास आओ भी रुत सुहानी है
उड़ रही जुल्फ़ जो हवाओं में
क्या चढ़ी खूब ये जवानी है
आँख करती हैं गुफ्तगू हमसे
बात दिल की है दिल ने जानी है
ज़िंदगी कुछ नहीं बिना तेरे
राज़ की बात ये बतानी है
कह रहा मेरे हिज़्र् का किस्सा
बह रहा आँख से जो पानी है
नाम लेकर चिढ़ा रहे ‘सागर’
हाथ में प्यार की निशानी है