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11 Sep 2020 · 1 min read

— तेरी माया तेरी काया-

तेरे दिए जन्म मानस को
नमन मैं करता हूँ
माया और काया में भगवन्
मैं हर रोज उलझता हूँ

किस का करूँ गुमान
जिस का पल का भरोसा नहीं
इस तन और धन पर नाज नहीं
जिस ने साथ भी जाना नहीं

गरूर से नहीं चलती दुनिआ
मानव का बस यह भर्म है
झुक कर चलो दुनिआ में
इस में ही जीवन आनन्द है

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Comment · 403 Views
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