Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2017 · 1 min read

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,
और तू है मेरे गांव को गँवार कहता है।

ऐ शहर मुझे तेरी सारी औक़ात पता है,
तू बच्ची को भी हुस्न ए बहार कहता है।

थक गया हर शख़्स काम करते करते,
तू इसे ही अमीरी का बाज़ार कहता है।

गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास,
तेरी सारी फ़ुर्सत तेरा इतवार कहता है।

मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं,
तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है।

वो मिलने आते थे कलेजा साथ लाते थे,
तू दस्तूर निभाने को रिश्तेदार कहता है।

बड़े-बड़े मसले हल करती थी पंचायतें,
अंधी भ्रस्ट दलीलों को दरबार कहता है।

अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं,
तू इस नये दौर को संस्कार कहता है।

हरेन्द्र सिंह कुशवाह एहसास

1 Like · 661 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
4711.*पूर्णिका*
4711.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कमल खिल चुका है ,
कमल खिल चुका है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मिसाल रेशमा
मिसाल रेशमा
Dr. Kishan tandon kranti
शिक़ायत नहीं है
शिक़ायत नहीं है
Monika Arora
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
क्या कहूँ ?
क्या कहूँ ?
Niharika Verma
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का
ये मौन है तेरा या दस्तक है तुफान से पहले का
©️ दामिनी नारायण सिंह
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
जय लगन कुमार हैप्पी
*अपनी मस्ती में जो जीता, दुख उसे भला क्या तोड़ेगा (राधेश्याम
*अपनी मस्ती में जो जीता, दुख उसे भला क्या तोड़ेगा (राधेश्याम
Ravi Prakash
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
छठ पूजा
छठ पूजा
Dr Archana Gupta
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
अर्थ के बिना
अर्थ के बिना
Sonam Puneet Dubey
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
भीड़ से आप
भीड़ से आप
Dr fauzia Naseem shad
कुछ अजूबे गुण होते हैं इंसान में प्रकृति प्रदत्त,
कुछ अजूबे गुण होते हैं इंसान में प्रकृति प्रदत्त,
Ajit Kumar "Karn"
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
Surinder blackpen
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तारीफ किसकी करूं
तारीफ किसकी करूं
कवि दीपक बवेजा
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
शेखर सिंह
इम्तिहान
इम्तिहान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...