तेरी बांहों का सहारा पा सके
फिल से हासिल
गज़ल
काफ़िया- आ
रदीफ़- पा सके
फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ाइलुन
2122……2122……212
तेरी बाहों का, सहारा पा सके।
जिंदगी में प्यार, तेरा पा सके।
प्यार की तुझसे तो चाहत थी सदा,
है खुशी तेरा इशारा पा सके।
तेरे इक दीदार को तरसे हैं हम,
या खुदा तेरा नज़ारा पा सके।
कोशिशें कुछ रंग लाईं देश में,
भूँखे टूटे कुछ सहारा पा सके।
रोज इक बच्चा मचलता चाँद को,
कुछ करो कि वो विचारा पा सके।
रात दिन मेहनत किए हैं तब कहीं,
अपनी किस्मत का सितारा पा सके।
प्रेम मे परवाना बनकर जो जला,
सच्चे प्रेमी का वो दर्जा पा सके।
……..✍️ प्रेमी