तेरी नजरों का तीर
तेरी नज़रों के तीर ने
मेरे दिल पर ऐसा किया पृहार है
जब भी आंख मिचता हूं बस
तेरी सूरत नजर आती बार-बार है
ऐसा हुआ मुझे पहली बार है
दिल की हर एक धड़कन में सुलगतेअंगार हैं
जाड़े के मौसम में होता गर्मी का खुमार है
यह तेरे इश्क का चढ़ गया मुझे बुखार है