तेरी तस्वीर
***** तेरी तस्वीर *****
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दिल मे तेरी तस्वीर है,
सुंदर मेरी तकदीर है।
आदत हमको है आपकी,
यह जीवनभर की पीर है।
गिरते जब पत्ते शाख से,
तरुवर की कितनी धीर है।
सह कर गम बेशक हँसे,
नयनो मे उसके नीर है।
मनसीरत अब रुकते नहीं,
तरकश से निकले तीर है।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)