तेरी जुल्फ का बादल होना कितना अच्छा लगता है
तेरी जुल्फ का बादल होना कितना अच्छा लगता है।
खुद को जलाकर काजल होना कितना अच्छा लगता है।
मां की ममता, बाप का साया,दोनों बहुत जरूरी है।
सर पर मां का आंचल होना कितना अच्छा लगता है।
होशो खिरद के पैमाने का क्या करते।
प्यार में तेरे पागल होना कितना अच्छा लगता है।
Dr.Sagheer Ahmad Siddiqui: ख़िरद:
[सं-स्त्री.] – 1. बुद्धि; अक़्ल; चतुराई 2. मेधा। [वि.] बुद्धिमान; अक्लमंद।