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5 Oct 2022 · 1 min read

तेरी ज़रूरत बन जाऊं मैं

माना वो मुझे नहीं चाहता
फिर भी उसके संग जीवन बिताऊं मैं
ए खुदा अब कुछ ऐसा कर
फिर भी उसकी ज़रूरत बन जाऊं मैं

वो अगर पपीहा बन जाए कभी
बारिश की बूंद बन जाऊं मैं
वो अगर चाहे झूलना तो
सावन का झूला बन जाऊं मैं

बन जाए वो गर नदी कभी
उस नदी का जल बन जाऊं मैं
हो इच्छा उसकी नदी पार करने की
तो उस नदी पर पुल बन जाऊं मैं

चाह हो अगर उसे रोशनी की
उसके लिए दीया बन जाऊं मैं
मिटाकर अंधेरा उसके जीवन से
जलाकर खुद को सुकूं पाऊं मैं

जब लगे उसे प्यास कभी
निर्मल शीतल जल बन जाऊं मैं
बुझाने को प्यास उसकी
धीरे से उसके गले से उतर जाऊं मैं

हो अगर उसकी राह में रोड़े
फूल बनकर उन पर बिछ जाऊं मैं
उसके हिस्से के गम मिले मुझे
चाहे उनको सहते हुए मर जाऊं मैं

खो जाए जब कभी चैन उसका
उसको भी ढूंढकर ला पाऊं मैं
भूल जाए गर वो फिर भी मुझे
उसके आसपास ही रह पाऊं मैं

हो अगर उसे कोई दर्द कभी
उसके हर दर्द की दवा बन पाऊं मैं
मरकर जुदा हो जाऊं अगर कभी
पुनर्जन्म लेकर उसके पास आऊं मैं।

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 998 Views
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