@@@ तेरी चाहत @@@
@@@@@ तेरी चाहत @@@@@
सताना न मुझे, रुलाना न मुझे
जब भी आवाज दूं, घुमाना न मुझे
तेरी चाहत का असर ,इस दिल पर
हुआ इतना, कि तुम छोड़ कर,
अब जाना न मुझे !!
तेरी हर बात निराली है
तेरी हर मुस्कान सुहानी है
तेरी बातें सब से निराली हैं
बस अब छोड़ कर तू, दूर कहीं
अब जाना न मुझे !!
तुझे देख कर शायरी आ गयी मुझे
इस की खुमारी चढ़ गयी है मुझे
तू न नजर आये तो अल्फाज खो जाते हैं
बस अब जिन्दगी में तू, देख ले
अब सताना न मुझे !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ