# तेरी गली से जब गुजरेगी #
तेरी गली से जब गुजरेगी मय्यत मेरी
कसम है तुझ को तून आंसू न बहाना
जब था समां दिल की बात बताने का
तो न जाने कर दिया कौन कौन सा बहाना !!!
आज जब सफ़र खतम कर दिया है मैने
न सुन सकूं गा तेरा बनाया हुआ कोई बहाना
रुसवा हो हर जा रहा हूँ इस जग से अब में
तेरा दिल करे तो फिर बना लेना कोई बहाना !!!
कुछ फितरत ही ऐसी है इस प्यार की
कि जाने के बाद याद बहुत सताती है
जीते जी तो न कर सके गिले शिकवे हम
बस चुप हो जाओ, अब न करो फिर नया बहाना !!!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ