तेरा ख़याल…
पतझड़ की एक शाम
चिनारों के साए में चलते हुए
तेरा ख़याल …
यक ब यक ही आ पहुंचा..
मुस्कुराते हुए मेरी आँखों में झाँकता..
मेरा हाथ अपने हाथों में लिए,
पुराने किस्से दोहराता..
तेरा ख़याल…
पतझड़ की एक शाम
चिनारों के साए में चलते हुए
तेरा ख़याल …
यक ब यक ही आ पहुंचा..
मुस्कुराते हुए मेरी आँखों में झाँकता..
मेरा हाथ अपने हाथों में लिए,
पुराने किस्से दोहराता..
तेरा ख़याल…