तेरा ही खयाल है_ घनाक्षरी
जब से लड़े हैं नैन मिलता नहीं है चैन।
सारी सारी रेन अब तेरा ही खयाल हे।।
देखूं देखूं एक टक बदलूं मैं करवट।
कटती न रात मेरी तेरा ही खयाल है।।
दिन गली में गुजारूं नाम तेरा मैं पुकारूं।
कब हो दीदार मुझे तेरा ही खयाल है।।
आजा अब तो तू आजा जरा झलक दिखा जा।
दिल को सुकून मिले तेरा ही खयाल है।।
राजेश व्यास अनुनय