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21 Mar 2017 · 1 min read

तेरा साथ

तुम साथ थी मेरे जब तब बात ही अलग थी
हर सुबह थी सुहानी हर साझ सुरमयी थी

चाहत में दिल मगन था कलियों सा खिल उठा था
भंवरे को जब मोहबत किसी फूल से हुई थी

बुलबुल सी उसकी बोली दिल में मिठास घोले
सुनले जो कोई पाहन, दरिया वहाँ से निकले

बैरंग सब नज़ारे रंगीन हो रहे थे
तेरी गली में साथी दिल मेरा रोज डोले

कालीन की जरूरत तब मुझको तो नहीं थी
बाँहो में उसकी साथी दुनिया मेरी मगन थी

साये में उसके साथी रंगीन था जहाँ भी
अब बिन तेरे ओ साथी रंगीन कुछ नहीं है

बिन तेरे मेरे साथी आलम मेरा है बदला
मधु की मिठास भी अब आँखो में नमक घोले

कोकी की मीठी बोली दिल को है दर्द देती
हर डाल आम की अब तेरा पता है पूछै

हर कोई जहाँ में ये पाठ शीख ले अब
करनी है बस मोहबत ये रीत जोड़ ले सब

धरती पे दिल मगन हे चाहत नहीं गगन
बस साथ हो तुम्हारा ,चाहत नहीं कफ़न की
ऋषभ तोमर (राधे)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 566 Views
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