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9 Feb 2018 · 1 min read

तेरा शुक्रियां

ये जिंदगी खुशियो से नवाजा है तूने,
हर कदम पर सवारा है तूने।
अब तो मेरे बाग़ में सुकू की
बहार बहती है,
महकते फूल और मीठे
फलो से नवाजा है तूने।
जुल्म की आंधियां गम
और सितम आये मगर,
कितनी सावधानी से निकाला है तूने।
चांद तारे मेरी मन्जिल ही नही,
अपने आपसे मिलने
हुनर सिखाया हैं तूने।
कैसे तेरा शुक्रिया अदा करु
पल पल निखारा है तूने।।

Language: Hindi
219 Views
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